दिल की गहराइयों में बुराई का क्या मतलब? एक प्रेरणादायक कविता (What is the meaning of evil deep in the heart? an inspirational poem)

दिल की गहराइयों में बुराई का क्या मतलब? एक प्रेरणादायक कविता

दिल में बुराई रखने से बेहतर है,
अपनी नाराज़गी को ज़ाहिर कर दो।
छोटे-छोटे तनावों को खुलकर बताओ,
ताकि दिल की शांति को कायम रख सको।

जहाँ दूसरों को समझना कठिन हो,
वहाँ खुद को समझ लेना ही बेहतर है।
अपने अंदर की बातों को जानो,
स्वयं से सच्चाई से मिलना ही सर्वोत्तम है।

ख़ुश रहने का एक सीधा सा मंत्र है,
उम्मीद अपने आप से रखो, किसी और से नहीं।
इस संसार में हर किसी को अपने ज्ञान का घमंड,
परंतु अपने घमंड का ज्ञान किसी को नहीं।

अपनी उम्मीदें खुद से जुड़ी रखें,
क्योंकि यही वास्तविकता की पहचान है।
ख़ुशी के सफर पर खुद की उम्मीद से चलो,
हर दिन की शुरुआत मुस्कान से करें, यही सच्चा आनंद है।


दिल में बुराई रखने से बेहतर है
अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर दो

जहाँ दूसरों को समझना कठिन हो
वहाँ ख़ुद को समझ लेना ही बेहतर हैं

हमेशा ख़ुश रहने का
एक सीधा सा मंत्र है

उम्मीद अपने आप से रखो
किसी और से नहीं क्योंकि इस 

संसार में हर किसी को अपने
ज्ञान का घमंड है परंतु किसी को
भी अपने घमंड का ज्ञान नहीं हैं

सच्ची खुशी की राह: एक प्रेरणादायक कविता

ना चादर बड़ी कीजिए,
ना ख्वाहिशें दफन कीजिए।
चार दिन की ज़िंदगी है,
बस चैन से बसर कीजिए।

ना परेशान किसी को कीजिए,
ना हैरान किसी को कीजिए।
कोई लाख गलत भी बोले,
बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिए।

ना रूठा किसी से कीजिए,
ना झूठा वादा किसी से कीजिए।
कुछ फुरसत के पल निकालिए,
कभी खुद से भी मिला कीजिए।

साधारण सी ये जिंदगी के नियम,
खुशी और शांति के आदर्श हैं।
सीधी राह पर चलने से ही मिलेगा सुकून,
जो हर पल को खुशी से जीने का सूत्र है।

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ना चादर बड़ी कीजिए 
ना ख्वाहिशें दफन कीजिए 
चार दिन की ज़िन्दगी है
बस चैन से बसर कीजिए 

ना परेशान किसी को कीजिए 
ना हैरान किसी को कीजिए 
कोई लाख गलत भी बोले
बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिए 

ना रूठा किसी से कीजिए 
ना झूठा वादा किसी से कीजिए 
कुछ फुरसत के पल निकालिए 
कभी खुद से भी मिला कीजिए

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