डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन: प्रेरणा के स्रोत - Dr. Sarvepalli Radhakrishnan: A source of inspiration

शिक्षक दिवस: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का योगदान और वैश्विक महत्त्व

परिचय
शिक्षक दिवस वह दिन है जब दुनिया भर के देशों में शिक्षकों के प्रति आदर और सम्मान प्रकट किया जाता है। शिक्षा किसी भी समाज की रीढ़ होती है, और शिक्षक वह मार्गदर्शक होते हैं जो छात्रों के भविष्य को संवारने का काम करते हैं। विभिन्न देशों में यह दिन अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है, परंतु हर जगह इसका उद्देश्य एक ही है—शिक्षकों का सम्मान करना और उनके योगदान को सराहना।

भारत में शिक्षक दिवस: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का योगदान
भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है, जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है। उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में हुआ था। राधाकृष्णन जी ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और अपने जीवन को शिक्षा के प्रचार-प्रसार में समर्पित किया। उन्होंने हमेशा शिक्षा को समाज की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण माना और अपने छात्रों से आग्रह किया कि उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए। यह उनकी विनम्रता और शिक्षा के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. राधाकृष्णन का प्रभाव
डॉ. राधाकृष्णन ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में कई सुधार लाए। उनकी शिक्षाएं और दर्शन आज भी प्रेरणादायक हैं। वे स्वामी विवेकानंद से प्रभावित थे और शिक्षा के माध्यम से सामाजिक उत्थान की आवश्यकता पर जोर देते थे। उनकी दृष्टि ने शिक्षा को एक नया आयाम दिया, जिससे भारत की शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव आए। उनके विचारों ने न केवल भारत बल्कि विश्वभर में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव डाला।

विश्व में शिक्षक दिवस: विभिन्न देशों में तिथियाँ और परंपराएँ
शिक्षक दिवस दुनिया के विभिन्न देशों में अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख देशों और उनके शिक्षक दिवस के विवरण दिए गए हैं:

  • अर्जेन्टीना: 11 सितंबर (डोमिंगो फास्टिनो सरमिएंटो की मृत्यु की याद में)
  • ऑस्ट्रेलिया: अक्टूबर मास का अंतिम शुक्रवार
  • ब्राज़ील: 15 अक्टूबर (1947 में साओ पाउलो के एक स्कूल से शुरू हुआ)
  • चीन: 10 सितंबर
  • भारत: 5 सितंबर (डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन)
  • ईरान: 2 मई (मोरतेज़ा मोतहरी की वीरगति की याद में)
  • पाकिस्तान: 5 अक्टूबर
  • थाईलैंड: 16 जनवरी
  • वियतनाम: 20 नवंबर

हर देश में शिक्षक दिवस को मनाने के तरीके अलग होते हैं। कुछ जगहों पर इस दिन छुट्टी होती है जबकि कई देशों में इस दिन शिक्षकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

डॉ. राधाकृष्णन की प्रेरणा और शिक्षकों का महत्त्व
डॉ. राधाकृष्णन ने शिक्षा को मानवता का सबसे बड़ा शस्त्र माना और अपने जीवनकाल में छात्रों को प्रेरित किया। उनके दिखाए मार्ग पर चलकर शिक्षा में क्रांति आई है और आज के शिक्षकों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। वे प्रेरणा का अपार स्रोत थे, और उनके आदर्श आज भी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

शिक्षकों के प्रति आदर
सफलता की कोई भी कहानी बिना शिक्षक के अधूरी होती है। वे हमारे जीवन में वह दीपक हैं जो हमें अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। इस शिक्षक दिवस पर हम सभी शिक्षकों को नमन करते हैं, जो हमारी उन्नति और मार्गदर्शन के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।

निष्कर्ष
शिक्षक दिवस केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह शिक्षकों के योगदान को पहचानने और उनकी मेहनत का सम्मान करने का एक अवसर है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की शिक्षाएं और उनके दिखाए मार्ग हमें आज भी प्रेरित करते हैं। शिक्षक दिवस हमें इस बात की याद दिलाता है कि शिक्षा के बिना उन्नति संभव नहीं और शिक्षकों के बिना शिक्षा अधूरी है।

शुभकामनाएँ
सभी शिक्षकों को "शिक्षक दिवस" की हार्दिक शुभकामनाएँ। आपके योगदान से ही देश और समाज प्रगति की ओर अग्रसर हो रहा है।
"सफलता का जब, शीर्षक लिखूँगा
सबसे अहम तब, शिक्षक लिखूँगा।"

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