एनी बेसेंट: आयरन लेडी और वसंत देवी (Annie Besant: Iron Lady and Mother of Spring)

एनी बेसेंट: आयरन लेडी और वसंत देवी

जन्म: 1 अक्टूबर 1847, इंग्लैंड
निधन: 20 सितंबर 1933, अंडयार, भारत
उपाधियाँ: आयरन लेडी, वसंत देवी (महात्मा गांधी द्वारा)

एनी बेसेंट एक प्रख्यात समाजसेविका, लेखिका, और स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने अपने जीवन को भारत के समाज सुधार और राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने थियोसॉफी, भारतीय संस्कृति, और वेदों के अध्ययन के माध्यम से भारत को अपना घर माना।


जीवन परिचय

एनी बेसेंट का जन्म इंग्लैंड के वुड परिवार में हुआ। उनके पिता एक कुशल चिकित्सक और मां धार्मिक प्रवृत्ति की थीं। बचपन में ही पिता के निधन के बाद उनका पालन-पोषण कठिन परिस्थितियों में हुआ। अद्भुत स्मरण शक्ति और प्रतिभा के कारण उन्हें शिक्षिका सुश्री मेरियट के संरक्षण में विद्या अध्ययन का अवसर मिला।


धर्म, विवाह, और स्वतंत्र विचार

22 वर्ष की आयु में एनी का विवाह पादरी फ्रैंक बेसेंट से हुआ। लेकिन स्वतंत्र विचारों और धार्मिक मतभेदों के चलते यह विवाह लंबे समय तक नहीं टिक पाया। 1873 में तलाक के बाद उन्होंने मानवता की सेवा का प्रण लिया।

एनी का झुकाव भारतीय दर्शन और हिन्दू धर्म की ओर बढ़ा। उन्होंने थियोसॉफिकल सोसाइटी के माध्यम से वेदों और उपनिषदों का प्रचार किया।


भारत में सामाजिक और शैक्षिक सुधार

एनी बेसेंट 1893 में भारत आईं और काशी को अपना केंद्र बनाया। उन्होंने 1898 में 'सेंट्रल हिंदू कॉलेज' की स्थापना की, जो बाद में काशी हिंदू विश्वविद्यालय का आधार बना।

सामाजिक सुधार के लिए उन्होंने 'ब्रदर्स ऑफ सर्विस' संस्था बनाई, जिसके तहत उन्होंने बाल विवाह, जातिवाद, और विधवा पुनर्विवाह जैसे मुद्दों पर काम किया।

सामाजिक सुधारों के लिए उनके संकल्प:

  1. छुआछूत का विरोध।
  2. महिलाओं और बच्चों की शिक्षा।
  3. विधवा पुनर्विवाह को समर्थन।
  4. समाज में वर्ग भेद का उन्मूलन।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

1914 में, 68 वर्ष की आयु में, एनी ने भारतीय राजनीति में कदम रखा और 'होम रूल आंदोलन' की शुरुआत की। उन्होंने ब्रिटिश शासन की नीतियों का विरोध किया और भारतीयों को स्वराज का महत्व समझाया।

1917 में, एनी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। यह उपलब्धि पाने वाली वह पहली महिला थीं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए कई प्रभावी कदम उठाए।


लेखन और पत्रकारिता

एनी बेसेंट ने पत्रकारिता और लेखन के माध्यम से भी समाज को जागरूक किया। उन्होंने 'न्यू इंडिया' और 'द कॉमन व्हील' नामक पत्रिकाओं का प्रकाशन किया। ब्रिटिश शासन के विरोधी लेखों के लिए उन्हें दंडित भी किया गया।


व्यक्तित्व और आदर्श

  • एनी ने भारतीय संस्कृति को अपनाया और 'अम्मा' कहलाना पसंद किया।
  • उन्होंने हर भाषण की शुरुआत 'ॐ नमः शिवाय' से की।
  • उनके व्यक्तित्व में अनुशासन, समय की पाबंदी और गहन अध्ययन झलकता था।

महात्मा गांधी और वसंत देवी

महात्मा गांधी ने एनी बेसेंट को 'वसंत देवी' की उपाधि दी, जो भारतीय समाज के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती है।


महत्वपूर्ण योगदान

  1. काशी हिंदू विश्वविद्यालय की सह-संस्थापक।
  2. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में 'होम रूल' आंदोलन का नेतृत्व।
  3. सामाजिक सुधार और महिलाओं की शिक्षा में योगदान।
  4. धर्म और अध्यात्म के माध्यम से भारतीय दर्शन का प्रसार।

निधन और विरासत

20 सितंबर 1933 को अंडयार, भारत में उनका निधन हुआ। उनके कार्य और विचार भारतीय समाज को आज भी प्रेरणा देते हैं।

"एनी बेसेंट भारतीय संस्कृति की सच्ची साधिका और स्वतंत्रता संग्राम की अमर नायिका थीं।"


कविता: वसंत देवी को नमन

ज्ञान की दीपक जलाकर, जो आईं भारत भूमि।
शक्ति, सेवा, और संघर्ष से लिखीं नई दृष्टि।
वसंत देवी का सम्मान, हम सदा करेंगे याद,
भारत माँ की इस बेटी को, हमारा शत-शत प्रणाम।

Frequent Questions and Concerns (FQCs)


1. एनी बेसेंट को 'आयरन लेडी' क्यों कहा जाता है?

एनी बेसेंट को 'आयरन लेडी' कहा गया क्योंकि उन्होंने अन्याय के खिलाफ कड़े कदम उठाए और थियोसॉफी, समाज सुधार, और स्वतंत्रता आंदोलन में मजबूत नेतृत्व दिखाया।


2. महात्मा गांधी ने एनी बेसेंट को 'वसंत देवी' की उपाधि क्यों दी?

महात्मा गांधी ने एनी बेसेंट को 'वसंत देवी' की उपाधि दी क्योंकि उन्होंने भारत में शिक्षा, समाज सुधार और स्वतंत्रता संग्राम के लिए विशेष योगदान दिया और भारतवासियों के प्रति गहरा लगाव दिखाया।


3. एनी बेसेंट का जन्म और मृत्यु कब और कहाँ हुई?

  • जन्म: 1 अक्टूबर 1847 को इंग्लैंड में।
  • मृत्यु: 20 सितंबर 1933 को अड्यार, भारत में।

4. एनी बेसेंट के जीवन के प्रमुख कार्य और उपलब्धियाँ क्या हैं?

  • थियोसॉफिकल सोसायटी का प्रसार।
  • 'सेंट्रल हिंदू कॉलेज' की स्थापना।
  • भारतीय समाज सुधार जैसे बाल विवाह, जातिवाद, और विधवा पुनर्विवाह पर कार्य।
  • भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में 'होम रूल मूवमेंट' की शुरुआत।
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता (1917)।

5. एनी बेसेंट ने भारत को कैसे प्रभावित किया?

एनी बेसेंट ने शिक्षा, सामाजिक सुधार और राजनीति में काम किया। उन्होंने भारत के लिए नए विचार और प्रेरणा लाने के साथ-साथ स्वराज्य की वकालत की।


6. एनी बेसेंट का वैवाहिक जीवन कैसा था?

एनी बेसेंट का विवाह 1867 में रेवेरेंड फ्रैंक बेसेंट से हुआ। वैचारिक मतभेद और स्वतंत्र विचारों के चलते 1873 में उनका तलाक हो गया।


7. एनी बेसेंट का भारतीय धर्म और दर्शन में योगदान क्या है?

एनी बेसेंट भारतीय दर्शन, वेदों और उपनिषदों से गहराई से प्रभावित थीं। उन्होंने थियोसॉफी का प्रचार किया और भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने में मदद की।


8. 'सेंट्रल हिंदू कॉलेज' की स्थापना का उद्देश्य क्या था?

'सेंट्रल हिंदू कॉलेज' की स्थापना काशी में 7 जुलाई 1898 को की गई, जिसका उद्देश्य आधुनिक और पारंपरिक शिक्षा का समन्वय करना था। बाद में यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय का हिस्सा बना।


9. होम रूल मूवमेंट क्या था, और एनी बेसेंट की इसमें क्या भूमिका थी?

होम रूल मूवमेंट 1916 में भारत की स्वायत्तता के लिए शुरू हुआ आंदोलन था। एनी बेसेंट ने इसका नेतृत्व किया और स्वतंत्रता के लिए जागरूकता बढ़ाई।


10. एनी बेसेंट के लेखन कार्य और पत्रकारिता में क्या योगदान है?

एनी बेसेंट ने 'न्यू इंडिया' और 'द कॉमन व्हील' जैसी पत्रिकाएँ प्रकाशित कीं। उनके लेख सामाजिक सुधार और ब्रिटिश शासन की आलोचना पर केंद्रित थे।


11. भारतीय राजनीति में एनी बेसेंट की भूमिका क्या थी?

एनी बेसेंट 1917 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। उन्होंने राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने और भारत की स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।


12. एनी बेसेंट को भारतीय संस्कृति और लोगों से इतना लगाव क्यों था?

एनी बेसेंट भारतीय धर्म और दर्शन से गहराई से प्रभावित थीं। उन्होंने भारतीय समाज को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त करने के लिए अपने जीवन को समर्पित किया।

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