January 30-World Leprosy Eradication Day

जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व कुष्ठ उन्मूलन दिवस (World Leprosy Eradication Day)

30 जनवरी - विश्व कुष्ठ उन्मूलन दिवस

विश्व कुष्ठ दिवस (World Leprosy Day) को हर साल जनवरी के अंतिम रविवार को दुनिया भर में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह दिन, जिसे हेन्सन रोग भी कहा जाता है, कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों के अधिकारों की वकालत करने और इस बीमारी के चिकित्सा तथा सामाजिक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है।

विश्व कुष्ठ दिवस 2021 और 2022 के विषय
2021 का विषय था: "बीट लेप्रोसी, एंड स्टिग्मा एंड एडवोकेट फॉर मेंटल वेल-बीइंग" (Beat Leprosy, End Stigma and Advocate for Mental Well-being). वहीं, 2022 में यह दिवस 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के दिन मनाया जाएगा।

विश्व कुष्ठ दिवस का इतिहास और पृष्ठभूमि:

i. राउल फोलेरो ने 1954 में विश्व कुष्ठ दिवस की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को यह बताना था कि कुष्ठ रोग ठीक हो सकता है और इसे समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट किया जाए।

ii. कुष्ठ रोग के खिलाफ जागरूकता फैलाने के साथ-साथ इस दिन का लक्ष्य कुष्ठ रोगियों के मानसिक कल्याण और उनकी सामाजिक स्थिति को सुधारना है।

ससाकावा कुष्ठ रोग पहल:

ससाकावा कुष्ठ रोग (हैन्सन रोग) पहल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के लिए एक रणनीतिक गठबंधन है। यह पहल जापान के योहेई ससाकावा के नेतृत्व में कुष्ठ रोग के उन्मूलन के लिए काम कर रही है, ताकि एक ऐसी दुनिया बनाई जा सके, जिसमें कुष्ठ रोग न हो।

कुष्ठ रोग और भारत:

i. भारत में कुष्ठ रोग के नए मामलों की संख्या विश्व में सबसे अधिक है, इसके बाद ब्राजील और इंडोनेशिया का स्थान है। हालांकि भारत ने 1955 में कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया, परन्तु अब तक इसे पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सका है।

ii. भारत में राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम (NLEP) 1982 में शुरू हुआ था और आज भी यह जारी है। मार्च 2018 तक भारत के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रति 10,000 जनसंख्या में 1 से कम मामलों की दर को हासिल किया है।

कुष्ठ रोग:

कुष्ठ रोग, जिसे हेन्सन रोग कहा जाता है, माइकोबैक्टीरियम लेप्राई के कारण होने वाली एक पुरानी संक्रामक बीमारी है। यह रोग त्वचा, नसों, श्वसन तंत्र और आंखों को प्रभावित करता है।

कुष्ठ रोग का संचार:

यह रोग संक्रमित व्यक्ति से नाक और मुंह से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैलता है, विशेषकर जब किसी व्यक्ति के साथ लम्बे समय तक करीबी संपर्क होता है।

कुष्ठ उन्मूलन के लिए भारत सरकार की पहल:

भारत सरकार ने कुष्ठ रोग के खिलाफ कई योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत की है। इनमें सबसे प्रमुख है मल्टी ड्रग थेरेपी (MDT), जो कुष्ठ रोग का इलाज करने के लिए एक प्रभावी चिकित्सा विधि है।

वर्ष 2022 में विश्व कुष्ठ दिवस का उद्देश्य:

विश्व कुष्ठ दिवस का उद्देश्य कुष्ठ रोग को समाप्त करने के लिए दुनिया भर के लोगों को जागरूक करना है। यह भेदभाव, कलंक और पूर्वाग्रह को समाप्त करने का संदेश देता है, जिससे कुष्ठ रोगी समाज में सम्मान के साथ जी सकें।

निष्कर्ष:

कुष्ठ रोग उन्मूलन के लिए वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता है, और इसके लिए विश्व कुष्ठ उन्मूलन दिवस एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें इस दिन को याद करते हुए कुष्ठ रोगियों के प्रति समाज में संवेदनशीलता बढ़ाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए।

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