प्रेरणा के शब्द: शायरी के माध्यम से जिंदगी की सीख
- जिंदगी में पछतावा करना छोड़ दीजिए,
कुछ ऐसा कीजिए कि लोग आपको छोड़कर पछताएं।
- पिंड दान कीजिए ऐसे रिश्तों का,
जो आपकी पढ़ाई में बाधा उत्पन्न करते हैं। 🙏
- प्रेम प्रसंग से दूर रहें,
लक्ष्मी के हाथों में जब आपकी तरक्की हो। 🤑
- आज जन्मदिन है मेरा,
मतलब आज मैं आबाद हुआ था बर्बाद होने के लिए। 🌚
- जब दर्द और कड़वी बोली सहन होने लगे,
तो समझ लेना जीना आ गया।
- पेड़ कभी गिरने वाले पत्तों का शोक नहीं मनाता,
वह हमेशा नए पत्तों के निर्माण में लगा रहता है।
जीवन में जो खो गया, उसका शोक मत मनाओ,
बल्कि देखो, और क्या हासिल कर सकते हैं।
"परिवर्तन संसार का अटल नियम है।"
- शाखें अगर रही तो पत्ते भी आएंगे,
दिन अगर बुरे हैं, तो अच्छे भी आएंगे।
- हम वो हैं, जो हमें हमारी सोच ने बनाया है,
इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं। 🙂
- वो लोग कभी अकेले नहीं होते,
जो अपना मूड खुद ही ठीक कर लेते हैं।
- इस ज़िन्दगी में कुछ भी मुश्किल नहीं है,
सिर्फ खुद पर भरोसा होना चाहिए।
- चार दिन है जिंदगी, हँसी खुशी में काट लो,
मत किसी का दिल दुखाओ, दर्द सबके बाँट लो।
कुछ नहीं है साथ जाना, एक नेकी के सिवा,
कर भला, होगा भला, गांठ में ये बाँध लो। ☺️
- सो गए तो उन ख्वाबों का क्या होगा,
जो दुनिया को देने हैं, उन जवाबों का क्या होगा।
YES U CAN 🫵
- जिम्मेदारियों की एक खूबी है,
ये आपको कभी बिगड़ने नहीं देती।
- आर्थिक रूप से किसी पर भी निर्भर ना रहो,
अन्यथा जिंदगी एक समझौता बन कर रह जाएगी।
दूसरों की पहचान बनने से पहले, खुद की पहचान बनाओ। 😊
- बेईमानी से कमाए हुए पैसे आखिर में बीमारी में लग जाते हैं,
कम कमाओ, लेकिन ईमानदारी की रोटी खाओ। ☺️
- बहाना बनाने वाले के लिए काम नहीं है,
और काम करने वाले के लिए बहाना नहीं है।
शक्ति और जीवन
शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है।
विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है।
प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है।
सिर्फ मुस्कुराते रहिए...
दुनिया कन्फ्यूज़ होगी।
न जाने इसको किस बात का सुख है!
फलदार वृक्ष और गुणवान मनुष्य ही झुकते हैं...
सूखी लकड़ी और मूर्ख मनुष्य कभी नहीं झुकते!
परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है।
इसलिए जो पीछे छूट गया उसका शोक मनाने की जगह
जो आपके पास है उसका आनंद उठाना सीखिए।
जिन दोषों को हम दूसरों में देखते हैं,
उन्हें अपने में न रहने दें।
इसका सदा ध्यान रखना चाहिए।
पत्नी को त्याग कर कोई व्यक्ति सन्यासी नहीं बन सकता,
मनुष्य अपने अंदर के पांच विकार (काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार)
छोड़कर ही सच्चा सन्यासी बन सकता है।
मुमकिन अगर होता किसी को उम्र लगना,
तो हम हर सांस अपने माता-पिता के नाम लिखते!
परिस्थितियाँ जितनी ज्यादा आपको तोड़ती हैं,
उससे कहीं ज्यादा आपको मजबूत बना देती हैं!
सही फैसला लेना काबिलियत नहीं है,
फैसला लेकर उसे सही साबित करना काबिलियत है!
तेरे दुख तेरे ही रहेंगे,
तू चाहे इसको सुना
या उसको सुना...
कोई ऐसी सेवा सौंप मुझे,
जिसको मैं निभा सकूँ...
हर मोड़ पर मिले आप,
और मैं सिर झुका सकूँ...
🙏जय श्री कृष्ण🙏
पुरुषार्थ नहीं करते, वे धन, मित्र, ऐश्वर्य,
उत्तम कुल तथा दुर्लभ लक्ष्मी का उपयोग नहीं कर सकते।
सीताराम
जीवन में एक बात तो तय है,
कि हमारे अनुसार तय कुछ भी नहीं है...
और जो तय है, उसका हमें आभास भी नहीं है।
त्याग का अर्थ छोड़ना नहीं है।
त्याग का अर्थ जाग कर देखना है कि
मेरा कुछ है ही नहीं!
इच्छाओं का बढ़ते जाना, मृत्यु है।
इच्छाओं को पहचान लेना, ज्ञान है।
इच्छाओं को त्याग देना, वैराग्य है।
इच्छाओं से मुक्त होना, मोक्ष है!
0 Comments