Success Mantra: जल्द कामयाबी हासिल करने के लिए अपनाएं सफलता के ये 5 मंत्र
क्रिकेट का बल्ला थामने वाले किसी भी नए खिलाडी को उसके कोच की पहली सीख यही होती है कि बैटिंग के दौरान अपना सिर स्थिर रखो, ज्यादा से ज्यादा सीधे बैट इस्तेमाल करो, कदमों का मूवमेंट ठीक रखो। क्रिकेट के ये कुछ ऐसे बेसिक्स हैं, जिनको फॉलो किया जाए तो चाहें कैसी पिच हो, कैसा भी गेंदबाज हो, रन बनना तय है। ठीक इसी तरह कॅरियर की पिच पर भी यदि आप अपना बेसिक्स क्लियर रखते हैं तो कामयाबी निश्चित है। आप किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हों, यदि आपको पिछली कक्षाओं में पढ़ाए जाने वाले सवालों, फार्मूलों का आधारभूत ज्ञान है, तो प्रतियोगिता का चक्रव्यूह तोड़ना आसान है। कंपटीशन काफी बढ़ गया है। स्टूडेंट्स इन दिनों प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी परीक्षा से कई वर्ष पहले ही शुरू कर देते हैं। अगर परीक्षा में सफल स्टूडेंट्स को देखें तो उन्हीं को सफलता मिली है, जिनका बेसिक्स क्लियर रहा है।
सही समय पर सही वर्क
अगर आप सफल होना चाहते हैं, तो आपको यह नॉलेज रखना ही होगा कि कौन वर्क पहले और कौन बाद में करना है। इसके अभाव में योग्य रहते हुए भी असफल व्यक्ति बन सकते हैं। दिन में 24 घंटे होते हैं और हर किसी को इतना ही समय मिलता है। अब यह आप पर है कि कैसे इसकी कीमत पहचान अपनी तकदीर लिखते हैं या इन्हें दरकिनार करते हैं। स्टूडेंट्स के लिए वक्त की अहमियत कई गुना है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि कपंटीशन की तैयारी में लगे छात्रों के लिए एक-एक मिनट कीमती है। यदि वे यहां लगातार डेडलाइन बेस्ड स्टडी करते हैं। अपने सभी सब्जेक्ट्स को बराबर समय देते हैं तो किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। स्टडी ही नहीं, अगर आप जॉब या स्वरोजगार कर रहे हैं, तो इसमें भी टाइम मैनेजमेंट का अहम रोल होता है। यही कारण है कि हर सफल लोग इसे वरीयता सूची में रखते हैं।
बढ़ाएं व्यावहारिक नॉलेज
पुरानी कहावत है पढ़ो और साथ में गढ़ो, गढ़ो यानि व्यवहारिक अनुभव अर्जित करो। स्वरोजगार के क्षेत्र में इसकी कदम दर कदम जरूरत पड़ती है। जानकार भी मानते हैं कि यदि आप किसी क्षेत्र में खुद का कोई काम प्रारंभ कर रहे हैं, तो उस काम की व्यवहारगत कार्यप्रणाली, बारीकियां व समस्याएं समझना आवश्यक है। इसके लिए संबंधित इंडस्ट्री में थोड़े दिन बतौर कर्मचारी काम करना अच्छा विकल्प है। आपने भारतीय मूल की ब्रिटिश उद्योगपति परवीन वारसी जिन्हें लोग प्यार से समोसा क्वीन कहते हैं, का नाम सुना ही होगा। परवीन हर बीतते वक्त के साथ ब्रिटिश उद्योग जगत में चमक बिखेरती जा रही हैं। अपनी तरह की पहली महिला उद्यमी परवीन ने जब 70 के दशक में डर्बी स्थित अपने घर से खाना खिलाने का यह काम शुरू किया तो उन्हें भी अंदाजा नहीं था कि वे एक दिन ब्रिटेन की सबसे धनी महिला उद्यमी बन जाएंगी। खुद उनके ही शब्दों में क्लियर विजन, डिटरमिनेशन, हार्ड वर्क, डिसीजन मेकिंग जैसी चीजों ने उन्हें यहां तक पहुंचाया है। यह सभी गुण निरंतर कार्य करते हुए सीखा जा सकता है। इसके लिए कोई उम्र सीमा और स्थान नहीं है।
मौलिकता में है सफलता
किसी ने सच ही कहा है कि कितनी हैरानी की बात है कि इंसान हर समय, हर किसी से मांगता ही रहे, मांगे हुए विचार, उधार ली गई योजनाएं, नकल किए गए हाव-भाव, दूसरों के निर्णयों की मोहताज जिंदगी. क्या ऐसा व्यक्ति कभी सफल हो सकता है, उपरोक्त तथ्य से आज के जमाने में मौलिकता की कीमत समझी जा सकती है। आज सभी क्षेत्रों में मौलिकता की मांग है। अगर आप में मौलिक सोच हो, तो आप कई क्षेत्रों में सफलता की बुलंदियों को छू सकते हैं। इसलिए कहा भी जाता है कि सफल होनेवाले कोई काम अलग नहीं करते हैं, बल्कि उसी काम को अलग ढंग से करते हैं। इस तरह की सोच आप में है, तो आप बेहतर कल की कल्पना कर सकते हैं।
समझें लोन व सरकारी नियम
एमबीए सब्जीवाला के नाम से मशहूर कौशलेंद्र का कहना है कि कोई भी रोजगार शुरू करने से पहले यदि आप इससे संबंधित सरकारी नियम व लाभ के बारे में अवगत होते हैं, तो आधी दूरी आप यूं ही तय कर लेते हैं। आजकल स्वरोजगार के क्षेत्र में अवसर का बाईपास तैयार हो चुका है। आप चाहें तो इस बाईपास की मदद से कॅरियर का लंबा व उबाऊ रास्ता आसानी से तय कर सकते हैं। इस काम को सरकारी स्कीमें आसान बना रही हैं। लेकिन इसका फायदा उठाने के लिए आपको इनकी पूरी जानकारी रखनी होगी। जरूरी डॉक्यूमेंट्स व कागजी कार्रवाई के लिए संबंधित संस्थान से पूरी जानकारी अपेक्षित है। इस दौरान अपनी आर्थिक स्थिति का आकलन भी अनिवार्य शर्त है।
सफलता का महान वृक्ष उन छोटे-छोटे दिखने वाले गुणों में छिपा होता है, जिनकी हम अक्सर उपेक्षा करते हैं। वे हमें इसलिए भी निरर्थक लगते हैं, क्योंकि बचपन से हम उनके बारे में सुनते आ रहे हैं लेकिन अचरज तो तब होता है, जब हम इस पुराने बेकार से दिखने वाले चिराग को घिसते हैं और कामयाबी का जिन्न आ खड़ा होता है। इस कामयाबी के लिए तीन की वर्ड्स हैं-नॉलेज, स्किल्स और एक्शन। मंजिल कहीं भी हो, रास्ता यहीं से गुजरेगा।
अप्रैल का महीना हर लिहाज से एक नई शुरुआत लेकर आता है। अप्रैल और मई के बीच प्राय: सभी एकेडमिक और प्रोफेशनल एग्जाम हो जाते हैं और उन्हें अपनी कमियों और गुणों का पता भी चल जाता है। हर कोई सफल होना चाहता है, लेकिन सफलता चंद लोगों को ही मिलती है। पर अहम सवाल है, कि इन्हें कैसे पाया जाए, आखिर कैसे अब तक क्षितिज में दिखने वाली इन चीजों को मुट्ठी में कैद किया जाए। इस संबंध में कामयाब लोगों का मानना है कि अगर आपके पास नॉलेज, स्किल्स और एक्शन है, तो आप किसी भी क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं। आपकी सुविधा के लिए यहां सफलता के महत्वपूर्ण की वर्ड्स दिए जा रहे हैं, जिसे अपनाकर आप भी सफल हो सकते हैं.
सर्वोत्तम कीवर्ड्स:
- सफलता का मूल मंत्र
- कामयाबी के 5 मंत्र
- परफैक्ट बेसिक्स नॉलेज
- सही समय पर सही वर्क
- व्यावहारिक नॉलेज का महत्व
- मौलिकता और सफलता
- लोन और सरकारी नियम समझें
- टाइम मैनेजमेंट और सफलता
- आत्मसंयम और मानसिक शक्ति
- नॉलेज, स्किल्स, और एक्शन
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